मऊ,11/जून/2017 (rubaruUPdesk) @ww) । उत्तर प्रदेश के मऊ शहर में रविवार को 15 वें रोजा की शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय पदाधिकारी इंद्रेश जी ने रोजेदारों को संबोधित करते हुए कहा कि रसूल ने फरमाया है गाय का गोश्त बीमारी है, खुद मक्का में गाय की कुर्बानी को अपराध माना जाता है। वहाँ गाय का मांस खाना व बेचना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में गाय की गोश्त का सेवन करने वाला या खुदा के नाम पर गाय की कुर्बानी करने वाला व्यक्ति रसूल के सलाह की अनदेखी करता है। मैं किसी के खाने का मीनू नहीं तय कर सकता लेकिन नेक सलाह दे सकता हूं उसकी गलती का उसे याद कराना मेरा काम हो सकता है।
श्री इंद्रेश जी ने कहा कि पूरी दुनिया में बच्चा मां के दूध पर ही पलता है, लेकिन यदि किन्ही कारणों से मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता तो वह दर्जा गाय के दूध को प्राप्त है। सबसे अधिक लोग गाय के दूध से ही जीवन की शुरूआत करते हैं। उन्होंने लोगों से मस्जिद, मदरसों, अपने घरों में तुलसी के पौधे लगाने का आह्वान किया, बोलेले की तुलसी ही एक पौधा है जिसका फरिश्ताई पुस्तक कुराने शरीफ में अरबी भाषा में रेहान, जिसे उर्दू में जन्नत झाड़ वही हिंदू में तुलसी कहते हैं। तुलसी के पौधे को इस्लाम धर्म में एक बड़ी मान्यता मिली हुई है।
वह बताएं कि मालिक ने हमें एक इंसान बनाया है इंसान झगड़े के लिए नहीं प्यार के लिए बनाया है। एक रहो, तरक्की करो, यही कुरान का संदेश है। वतन से मोहब्बत, वतन से प्यार, वतन के लिए कुर्बानी ईमान का रास्ता जिंदगी की तहजीब का रास्ता जन्नत की ओर ले जाती है। हम पुरखों से हिंदुस्तानी हैं, हम सदियों से हिंदुस्तानी थे, हिंदुस्तानी हैं, हिंदुस्तानी ही रहेंगे। तमाम शहरों के अलग-अलग मोहल्लों को मिनी पाकिस्तान के नाम से पहचान हमारे रहन सहन पर एक बदनुमा धब्बा है।
श्री इंद्रेश जी ने कहा कि पूरी दुनिया में बच्चा मां के दूध पर ही पलता है, लेकिन यदि किन्ही कारणों से मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता तो वह दर्जा गाय के दूध को प्राप्त है। सबसे अधिक लोग गाय के दूध से ही जीवन की शुरूआत करते हैं। उन्होंने लोगों से मस्जिद, मदरसों, अपने घरों में तुलसी के पौधे लगाने का आह्वान किया, बोलेले की तुलसी ही एक पौधा है जिसका फरिश्ताई पुस्तक कुराने शरीफ में अरबी भाषा में रेहान, जिसे उर्दू में जन्नत झाड़ वही हिंदू में तुलसी कहते हैं। तुलसी के पौधे को इस्लाम धर्म में एक बड़ी मान्यता मिली हुई है।
वह बताएं कि मालिक ने हमें एक इंसान बनाया है इंसान झगड़े के लिए नहीं प्यार के लिए बनाया है। एक रहो, तरक्की करो, यही कुरान का संदेश है। वतन से मोहब्बत, वतन से प्यार, वतन के लिए कुर्बानी ईमान का रास्ता जिंदगी की तहजीब का रास्ता जन्नत की ओर ले जाती है। हम पुरखों से हिंदुस्तानी हैं, हम सदियों से हिंदुस्तानी थे, हिंदुस्तानी हैं, हिंदुस्तानी ही रहेंगे। तमाम शहरों के अलग-अलग मोहल्लों को मिनी पाकिस्तान के नाम से पहचान हमारे रहन सहन पर एक बदनुमा धब्बा है।
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