योजना में किसानों को
लीज पर जमीन दी जायेगी। साथ ही फूलों की खेती का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। पार्क
में मुख्य रूप से गुलाब, रजनीगंधा
जरवेरा आदि फूलों का उत्पादन होगा, जिनका निकटतम बिक्री
केंद्र नागपुर महानगर रहेगा। भविष्य में उत्पादन वृद्धि के बाद इस अंचल के फूल
विदेशों तक भेजने के प्रयास किये जायेंगे।
उद्यानिकी विभाग ने मुख्यमंत्री
कमल नाथ के निर्देश पर ग्राम कोहट रैयत
में 100 एकड़ भूमि आवंटन के लिये पहल की है। भारत सरकार के एक दल ने हाल ही
में छिंदवाड़ा जिले में काजू की खेती की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भी अध्ययन
दौरा किया। यहाँ पारम्परिक कृषि के साथ ही फलों और सूखे मेवों की खेती के लिए
जरूरी व्यवस्थाओं की कोशिश की जा रही है।
प्रस्तावित
योजना
छिन्दवाड़ा जिले के
आदिवासी अंचल मैनीखापा के युवाओं को भी फूलों की खेती के लिये प्रोत्साहित किया
जायेगा। आर्किड पार्क के विकसित होने से कृषकों की संख्या में वृद्धि होगी। जिला
प्रशासन आवश्यक अधोसंरचना का विकास भी करेगा।
किसानों को आर्किड
पार्क में भूमि लीज पर देने के साथ ही सिंचाई के लिये पर्याप्त जल और आवश्यकता के
मुताबिक विद्युत सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी। कृषकों को उद्यानिकी विशेषज्ञ न
सिर्फ प्रशिक्षण देंगे बल्कि उन्हें फूलों की खेती के लिये विशेष रूप से अनुकूल
तापमान, सिंचाई, उत्पादन और विपणन कार्य
के लिये मार्गदर्शन भी देंगे।
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