थाईलैंड (rubaudesk) @www.rubarunews.com इतिहास के पन्नोमें जिस देश को श्याम या स्याम देश कहा गया है अब उसे थाईलैंड कहा जाता है । इस देश में एक नगर है जिसका नाम अयोध्या है । कहीं-कहीं इसे "अयुध्या" लिखा है और कहीं-कहीं इसे "अयूथया" भी लिखा है लेकिन स्थानीय निवासी मानते हैं कि इसका नाम अयोध्या है और इसका संबंध भगवान् राम से है ।
मान्यता है कि शताब्दियों पहले इस नगर का जल मार्ग से सीधा संबंध भारत की अयोध्या से रहा है और जल मार्ग से ही व्यापार होता था । इस नगर के किनारे एक नदी बहती है । इसका नाम भी अयोध्या है । दूसरी आश्चर्य जनक बात यह है कि इस नदी में अक्सर प्राचीन मूर्तियाँ, बर्तन, आभूषण, या सिक्के निकलते हैं । मूर्तियों में ज्यादातर भगवान् बुद्ध या भगवान् राम की होती हैं । यहां के मछुआरों ने नदी में इन वस्तुओं की तलाश के लिये एक जुगाड़ की मोटर वोट बना रखी है जिसे लेकर वे नदी में संभावित स्थानों में जाते हैं । वोट में आक्सीजन सिलेन्डर भी रहता है जिसके सहारे मछुआरे गोता लगाते हैं और तलहटी तक जाकर कुछ न कुछ ढूंढ लाते हैं । दूसरी आश्चर्य जनक बात यह है कि इनको लगता है कि नदी में यह कीमती वस्तुएं उसी को कुछ मिलेंगी जिस पर भगवान् राम की कृपा होगी । राम जी कृपा पाने के लिये मछुआरे नदी में उतरने से पहले बाकायदा हाथ जोड़ कर रामजी का स्मरण भी करते है ।
यह नगर अनेक बार उजड़ा और अनेक बार आबाद हुआ इसका स्वर्ण युग 14वीं से 18वीं शताब्दी के बीच माना जाता है । 1767 बर्मा की सेना ने आक्रमण किया और नगर को नष्ट किया । शहर को लूटा और आग लगा दी । तब से नगर का वैभव जाता रहा । धीरे धीरे नगर में पुनः बसाहट शुरु हुई । और अब पुनः एक आबाद नगर है ।
थाईलैंड में प्राचीन समय हिन्दु संस्कृति रही है । नदी में जो आभूषण मिलते हैं या मूर्तियाँ मिलती हैं उनमें हिन्दु संस्कृति की झलक रहती है । थाईलैंड में इस समय बौद्ध धर्म प्रमुख है । थाईलैंड की कुल आवादी मैं बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या 95 % मानी जाती है । थाईलैंड के सास्कृतिक कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत और राम कथा का मंचन प्रमुख हैं ।( वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश शर्मा की फेसबुक से साभार)
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